सनातन धर्म का मूल मंत्र, PDF file Download

  सनातन धर्म: एक अविच्छिन्न अनुष्ठान


परिचय:

सनातन धर्म, जिसे 'सनातन' शब्द से व्यक्त किया जाता है, संसार के प्राचीनतम धर्मों में से एक है। इसे वेदांत धर्म, सनातन धर्म या हिंदू धर्म के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत के साथ-साथ विभिन्न अन्य देशों में भी अनुयायियों द्वारा अपनाया जाता है। सनातन धर्म की आधारभूत विशेषताएँ उसके श्रद्धा-विश्वासों, तत्वगत विचारधारा, धार्मिक अद्यतन और मानवता के प्रति उसके दृढ़ समर्पण में प्रकट होती है।


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मूल तत्व:

सनातन धर्म का मूल मंत्र, "एकं सद्‌विप्रा बहुधा वदन्ति," अर्थात् "वास्तव में जो एक है, उसे विभिन्न रूपों में जानने वाले ब्राह्मण उसे अनेक प्रकार से कहते हैं।" यह मंत्र दर्शाता है कि ईश्वर कई रूपों में प्रकट हो सकता है और सभी धर्मों और विचारधाराओं का सम्मान करना चाहिए।


मुख्य सिद्धांत:

1. कर्म और धर्म: सनातन धर्म में कर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। धर्मिक कर्मों की निष्काम भावना से व्यक्ति को आत्मा का समृद्धि मिलता है।


2. धर्म और जीवन: सनातन धर्म जीवन के सभी पहलुओं को समाहित करता है, जैसे धार्मिक कर्तव्य, नैतिकता, आचार, व्यवहार, समाज सेवा आदि।


3. संसार और मोक्ष: सनातन धर्म में जीवन का उद्देश्य मोक्ष (मुक्ति) होता है, जिसका अर्थ संसारिक बंधनों से मुक्ति है।


4. ध्यान और योग: ध्यान और योग के माध्यम से व्यक्ति अपने मन को शुद्ध करके आत्मा की पहचान करता है।


प्रमुख शाखाएँ:

सनातन धर्म कई शाखाओं में विभाजित होता है, जैसे वैष्णव, शैव, शाक्त, सौर, गाणपत्य आदि। हर शाखा अपने विशिष्ट देवताओं और परंपराओं के साथ आत्म-परिभाषित होती है।


वेद और शास्त्र:

सनातन धर्म की आधारशिला वेदों पर रखी गई है। वेदों में ब्रह्मा, विष्णु और शिव जैसी देवताओं की पूजा का उल्लेख होता है। उपनिषदों में आत्मा की महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं और भग


वद गीता में धर्म, कर्म और मोक्ष के विषय में उपदेश दिया गया है।


उत्तराधिकारी परंपरा:

सनातन धर्म में शिक्षा और ज्ञान की उत्तराधिकारी परंपरा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से ज्ञान का पराम्परिक अनुभव आता है।


उदाहरणीय व्यक्तित्व:

सनातन धर्म के ऐतिहासिक और धार्मिक व्यक्तियों में स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, श्री शंकराचार्य, रामानुजाचार्य आदि का उल्लेख किया जा सकता है, जिन्होंने सनातन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया और उन्हें आधुनिक समय के संदर्भ में अनुप्राणित किया।


समापन:

सनातन धर्म एक विशाल और आदिकालिक धार्मिक परंपरा है जो मानवता की मानसिकता, आदर्शों, और मौलिक तत्वों को समझने में मदद करती है। यह एक व्यक्ति की आत्मा के साथ उनके आस-पास के समाज और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ भी मिलान करता है।

Gohil Anil

मेरे लिखने से आपके पढ़ने तक, सब तकनीक है। इनका मानना है कि तकनीक नई हो या पुरानी हर रोज़ कुछ न कुछ नया ​दिखाती है, सिखाती है। टेक्नोलॉजी के प्रति इसी सोच ने अनिल को तकनीक जगत में आने के लिए प्रेरित किया।और आपको सिखाने में लगा दिया

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